आज, 17 सितंबर 2023, रविवार को श्री विश्वकर्मा भगवान की पूजा है, जिन्हें ‘देवशिल्पी’ भी कहा जाता है। यह पूजा विशेष रूप से उद्योग और कर्मशीलता क्षेत्र में काम करने वालों द्वारा मनाई जाती है।
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा भगवान को सर्वश्रेष्ठ शिल्पकार और करिगर देवता माना जाता है। उनका मानना है कि भगवान उन्हें जीवन के हर कार्य में सफलता देता है। इस दिन कर्मचारी अपने काम के उपकरणों और मशीनों की पूजा करते हैं, ताकि वे सफलता और समृद्धि प्राप्त कर सकें।
विश्वकर्मा पूजा के दिन कर्मचारी अपनी नौकरी पर विशेष ध्यान देते हैं और भगवान से आशीर्वाद मिलता है। इस दिन शिल्पकार अपने पुराने सामान की पूजा करते हैं और नए सामान बनाते हैं।
विश्वकर्मा पूजा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिल्पकला, उद्योग और औद्योगिक विकास का महत्व बताता है। यह हमें कर्मशीलता और कुशलता की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने की प्रेरणा देता है और हमें अपने काम में पूरी तरह से लगे रहने की प्रेरणा देता है।
इस विश्वकर्मा पूजा के दिन हमें भगवान से आशीर्वाद मांगना चाहिए और अपने काम में समर्पित रहने का निश्चय करना चाहिए। इस दिन कर्मचारी अपने काम में खुशी पाते हैं और नए लक्ष्यों के साथ काम करते हैं।
हम सभी को इस विशेष दिन पर विश्वकर्मा पूजा का महत्व स्मरण करने का अवसर मिलता है और कर्मशीलता का महत्व समझने का अवसर मिलता है। यह हमारे काम की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।