ज्योतिर्लिंग: भगवान शिव के दिव्य स्वरूप

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

सौराष्ट्र में सोमनाथ, श्रीशैल में मल्लिकार्जुन, उज्जैन में महाकाल, ओंकारेश्वर में अमलेश्वर, परली में वैद्यनाथ, डाकिनी में भीमाशंकर, सेतुबन्ध में रामेश्वर, दारुकावन में नागेश्वर, वाराणसी में विश्वेश्वर, गौतमी तट पर त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय में केदारनाथ और शिवालय में घुश्मेश्वर।
जो व्यक्ति इन ज्योतिर्लिंगों का नाम सुबह और शाम को पढ़ता है, उसे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

a crowd standing in front of the kedarnath temple in kedarnath india during a ceremony
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ज्योतिर्लिंग: भगवान शिव के दिव्य स्वरूप
हिंदू धर्म में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। ये ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के उन पवित्र स्थलों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहाँ उन्होंने स्वयं को प्रकट किया था। इन ज्योतिर्लिंगों का स्मरण और दर्शन करने से भक्तों को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है और उनके पापों का नाश होता है। आइए जानते हैं इन बारह ज्योतिर्लिंगों के बारे में:

  1. सोमनाथ (सौराष्ट्र, गुजरात)
    सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सौराष्ट्र में स्थित है और इसे भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है और इसकी महिमा अद्वितीय है।
  2. मल्लिकार्जुन (श्रीशैल, आंध्र प्रदेश)
    मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है।
  3. महाकाल (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
    महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के तांडव नृत्य का स्थल माना जाता है और यहाँ की महाकाल आरती विश्व प्रसिद्ध है।
  4. ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश)
    ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर ओंकार पर्वत पर स्थित है और इसकी अद्वितीयता इसके द्वीप रूप में है।
  5. वैद्यनाथ (परली, महाराष्ट्र)
    वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग परली में स्थित है। इसे ‘वैद्यनाथ’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ भगवान शिव ने रावण के घावों को ठीक किया था।
  6. भीमाशंकर (महाराष्ट्र)
    भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है। यह मंदिर सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में स्थित है और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता मनमोहक है।
  7. रामेश्वर (सेतुबन्ध, तमिलनाडु)
    रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु में स्थित है। यह मंदिर रामायण काल से जुड़ा हुआ है और यहाँ भगवान राम ने शिवलिंग की स्थापना की थी।
  8. नागेश्वर (दारुकावन, गुजरात)
    नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के नागेश्वर रूप को समर्पित है और यहाँ की महिमा अद्वितीय है।
  9. विश्वेश्वर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
    विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर काशी विश्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध है और यहाँ की गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है।
  10. त्र्यम्बकेश्वर (गौतमी तट, महाराष्ट्र)
    त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे स्थित है और यहाँ की महिमा अद्वितीय है।
  11. केदारनाथ (हिमालय, उत्तराखंड)
    केदारनाथ ज्योतिर्लिंग हिमालय में स्थित है। यह मंदिर अत्यंत ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ की यात्रा कठिन लेकिन अत्यंत पुण्यदायक मानी जाती है।
  12. घुश्मेश्वर (शिवालय, महाराष्ट्र)
    घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के घुश्मेश्वर रूप को समर्पित है और यहाँ की महिमा अद्वितीय है।

ज्योतिर्लिंगों का महत्व
ऐसा माना जाता है कि प्रतिदिन इन ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करने से सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं। यह विश्वास हिंदू धर्म में गहरी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है।

भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों का स्मरण और दर्शन करने से भक्तों को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। यह श्लोक हमें भगवान शिव की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का स्मरण कराता है।

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