Deoria Tal

Deoria Tal in Mahabharat : A Serene Sanctuary in the Garhwal Himalayas

Deoria Tal is a lake and 3 kms trek from sari village district of Rudraprayag uttarakhand at 7999 ft.

Hidden away in the embrace of the Garhwal Himalayas lies Deoria Tal, a jewel-toned lake cradled by verdant forests and snow-capped peaks. This captivating destination in Uttarakhand beckons travelers with its pristine beauty, tranquil ambiance, and rich cultural heritage. Whether you’re an avid trekker seeking a challenging adventure or a nature enthusiast yearning for peaceful solace, Deoria Tal has something magical to offer everyone.


Beyond the Beauty:

Deoria Tal offers more than just stunning scenery. Camping by the lake’s edge allows you to immerse yourself in nature’s embrace under a star-studded sky. The gentle lapping of water and the crackling of campfire create an atmosphere of pure serenity. You can also engage in activities like birdwatching, photography, and fishing, each offering a unique way to connect with the surroundings.

A Journey for the Soul:

Deoria Tal is more than just a tourist destination; it’s a journey for the soul. It’s a place to reconnect with nature, find inner peace, and create memories that will last a lifetime. If you’re seeking a haven away from the hustle and bustle of city life, where tranquility reigns supreme, then Deoria Tal awaits you with open arms.

Planning Your Getaway:

The best time to visit Deoria Tal is during the summer months (April to June) and the early autumn season (September to November). If you’re an adventure enthusiast, consider visiting during the spring months (March to April) for an invigorating experience. Remember to carry essentials like trekking shoes, warm clothing, and basic medication.

So, pack your bags, lace up your shoes, and embark on a journey to Deoria Tal. This hidden gem in the Himalayas promises an unforgettable experience, leaving you refreshed, rejuvenated, and yearning to return for more.

Sharing taxi are available from Ukhimath to reach Sari village and you can reach from Delhi to Sari village by using sharing Tata Sumo/Bolero taxi. Delhi to Tilwada sharing taxi available by calling Tilwada Taxi 977 3636 973, normally sharing taxi pickup you from your home and drop at Tilwada which is 45kms away from sari village.
After reaching Tilwada another sharing taxi available for Ukhimath than another for Ukhimath to Saari village.

Pandavas come to this place and Yaksha asked question to Yudhishthira and his brothers, Yaksha was God of Death . He had taken the test of Yudhishthira, He asked many questions, some of them are as under:-

यक्ष के प्रश्नयुधिष्ठिर के उत्तर
हवा से भी तेज चलने वाला क्या है?मन हवा से भी तेज चलने वाला है
तिनकों से भी ज्यादा असंख्य क्या है?चिंता तिनकों से भी ज्यादा असंख्य होती है
लाभों में प्रधान लाभ क्या है?निरोगी काया सबसे प्रधान लाभ है. 
सुखों में उत्तम सुख क्या है?सबसे उत्तम सुख है संतोष
किस वस्तु को त्यागकर मनुष्य दूसरों को प्रिय होता है? किसको त्यागकर शोक नहीं होता?अहंकार को त्यागकर मनुष्य सभी को प्रिय होता है. क्रोध को त्यागकर शोक नहीं करता.
संसार में दुःख क्यों है?संसार के दुःख का कारण लालच, स्वार्थ और भय हैं।
भूमि से भारी चीज क्या है?माता भूमि से भी भारी होती है।
आकाश से भी ऊंचा कौन है?पिता ।  आकाश से भी ऊंचा पिता इसलिए होता है क्योंकि वह आपके लिए एक छत्र की भूमिका निभाता है।
हवा से भी तेज चलने वाला कौन है?वायु से भी तीव्र गति वाला ‘मन’ है क्योंकि वायु की गति की सीमा हो सकती है किन्तु मन तो असीम गति वाला है।
विदेश जाने वाले का साथी कौन होता है?विदेश जाने वाले का साथी विद्या
होती है
घर में रहने वाले का साथी कौन होता है?पत्नी
मरणासन्न वृद्ध का मित्र कौन होता है? दान, क्योंकि वही मृत्यु के बाद अकेले चलने वाले जीव के साथ-साथ चलता है।
संसार किस वस्‍तु से ढ़का हुआ है ? किस कारण प्रकाश नहीं पाता है ? किस कारण से आदमी मित्रों को छोड़ देता है ? और स्‍वर्ग किस लिए नहीं जा पाता है ?संसार अज्ञान से ढका हुआ है। अँधेरे के कारण प्रकाश नहीं पाता है। लोभ के चलते आदमी मित्रों को छोड़ देता है और सांसारिक आसक्ति के कारण स्वर्ग नहीं जा पाता है। |
व्याख्या–प्रस्तुत श्लोक महाभारत के वनपर्व से संकलित तथा यक्ष-युधिष्ठिर संवाद’ पाठ से उद्धृत है। इसमें युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया है कि यह संसार अज्ञान से ढका हुआ है। अज्ञानता के कारण ज्ञानरूपी प्रकाश नहीं फैलता है। तात्पर्य कि अज्ञानीजन ज्ञान के महत्त्व को नहीं समझते हैं जिस कारण वे स्वार्थ में डूबे होते हैं और सांसारिक माया-मोह में फंसे रह जाते हैं, स्वर्ग नहीं जाते हैं। अर्थात् अज्ञानी व्यक्ति को शांति की प्राप्ति कभी नहीं होती है।
मनुष्‍यों का अजेय शत्रु कौन है? अनंत रोग क्‍या हैᣛ? साधु कौन है? और असाधु कौन है?मनुष्यों का अजेय शत्रु क्रोध है। लोभ कभी अन्त न होनेवाला रोग है। सब प्राणियों के हित में तत्पर साधु है और निर्दय व्यक्ति असाधु है।
संसार में सबसे बड़े आश्चर्य की बात क्या है?हर रोज आंखों के सामने कितने ही प्राणियों की मृत्यु हो जाती है यह देखते हुए भी इंसान अमरता के सपने देखता है। यही महान आश्चर्य है।

You must add chopta, chandra Sheela and Tungnath temple in your tour plan which is nearby place of Deoria Tal

You must visit near by place chopta, chandra sheela and Tungnath temple while planning to visit Deoria tal


Contact for booking taxi booking and camping 9773636973

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