हमारी मारुति अर्टिगा अब दिल्ली जाने के लिए तैयार है!
यदि आप 09 नवंबर 2024 को दिल्ली जा रहे हैं, तो आप अपनी सीट अब आसानी से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। अपनी यात्रा की सीट बुक करने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं:
न्यू ईयर 2024, फिर से खुशियों का त्योहार आया है! आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है, जो फसल कटाई के शुभ अवसर का प्रतीक है. सूर्य उत्तरायण की शुरुआत, दिनों के बढ़ने का समय, नई उम्मीदों का संदेश लेकर आता है. तिलवाड़ा टैक्सी इस पावन पर्व पर आप सभी को ढ़ेर सारी खुशियां, भरपूर समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करती है.
यह त्योहार पतंग उड़ाने, खिचड़ी खाने और प्रियजनों के साथ मिलकर खुशियां मनाने का होता है. अगर आप दिल्ली, ऋषिकेश, बद्रीनाथ, श्रीनगर , रूद्रप्रयाग या तिलवाड़ा घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो तिलवाड़ा टैक्सी आपकी यात्रा को और भी शानदार बना सकती है.
हमारी सुविधाजनक और सुरक्षित टैक्सी सेवाओं के साथ, आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ आराम से यात्रा का आनंद ले सकते हैं. हमारी आधुनिक Maruti Ertiga जिसमे 6 लोग यात्रा कर सकते है और Tata Sumo गाड़ियाँ जिसमे 8 लोग यात्रा कर सकते है, आपको आपके गंतव्य तक सुरक्षित और समय पर पहुंचाएंगी.
इस मकर संक्रांति पर, तिलवाड़ा टैक्सी विशेष ऑफर लेकर आई है! 14 जनवरी से 20 जनवरी 2024 तक, हमारे साथ बुकिंग कराने पर आपको 10% की छूट मिलेगी. इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए, आज ही हमारी वेबसाइट पर बुकिंग करें https://www.tilwadataxi.com पर विजिट करें या हमें +91 9773636973 पर कॉल करें.
आप सभी को एक बार फिर से मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं! 🪁
तिलवाड़ा टैक्सी – आपकी सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का साथी!
There are several ways to travel from Delhi to Rudraprayag: Distance between Delhi to Rudraprayag is approx. 380 kms. by Delhi to Meerut Express way, Muzaffarnagar, Roorkee, Haridwar, Rishikesh
Train: The most convenient option is to take a train from Delhi to Haridwar and then hire a taxi or bus to Rudraprayag. The train journey takes approximately 4-5 hours, and the taxi or bus ride from Haridwar takes about 3-4 hours.
Bus: Direct buses are available from Delhi to Rudraprayag, taking approximately 10-12 hours. However, the bus journey can be quite tiring, so it’s recommended only for those who are comfortable with long road trips.
Taxi: Hiring a taxi from Delhi to Rudraprayag offers the most flexibility and comfort. The journey takes approximately 8-9 hours, and you can stop along the way to enjoy the scenic beauty and visit historical sites. You can book sharing taxi from Tilwada Taxi if you are like to travel in sharing taxi.
चारधाम यात्रा 2023 के बंद होने की तारीखें नजदीक आ रही हैं
Kedarnath
चारधाम यात्रा, भारतीय उपमहाद्वीप के पावन धामों में से एक है, जिसे हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं और इसके माध्यम से यात्रियों को आत्मा की शुद्धता और मानवता के मूल्यों का पालन करने का अद्भुत अवसर प्राप्त होता है।
इस वर्ष, चारधाम यात्रा 2023 की बंद होने की तारीखें नजदीक आ रही हैं और यह धार्मिक अवसर को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना रही हैं। चलिए, हम आपको इस साल की चारधाम यात्रा के अंतिम दिनों के बारे में जानकारी दें:
1. यमुनोत्री – 14 अक्टूबर 2023:
चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है, और इस धाम का आखिरी दिन 14 नवम्बर को होगा। इस दिन श्रद्धालु यमुनोत्री के पवित्र तीर्थ स्नान के बाद यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।
2. बद्रीनाथ – 24 अक्टूबर 2023:
यह साल का सबसे महत्वपूर्ण दिन होगा क्योंकि इसी दिन बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख का ऐलान होगा.
3. केदारनाथ और गंगोत्री – 15 नवम्बर 2023:
इस वर्ष, केदारनाथ और गंगोत्री के पवित्र धाम की यात्रा का अंतिम दिन 15 नवम्बर को होगा। इस दिन श्रद्धालु अपने दर्शन पूरी करने के बाद धाम से वापस लौटेंगे।
ये तारीखें चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अगर आप इस वर्ष चारधाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ध्यानपूर्वक इन तारीखों को नोट करें और अपनी यात्रा की तैयारी शुरू करें।
चारधाम यात्रा के इस पवित्र अवसर पर हम आपकी यात्रा को शुभकामनाओं के साथ सफलता की ओर बढ़ने की कामना करते हैं।
महाभारत के युद्ध खत्म होने पश्चाद जब कर्ण स्वर्ग में गये तो वहां पर उन्हें खूब सोना, चांदी ,जेवरात मिलते थे पर कभी खाना नहीं मिलता था , इसका कारण पूछने के लिए कर्ण स्वर्ग के राजा इंद्रदेव के पास गए व् कारण पूछा तो इंद्रदेव ने कहा हे कर्ण तुम बड़े दानवीर थे तुमने बहुत सोना, चांदी व् आभूषण दान में दिए है फल स्वरूप स्वर्ग में तुम्हें मिल रहा पर परन्तु तुमने कभी भोजन का दान नहीं दिया और न ही कभी अपने पूर्वजो को भोजन अर्पित किया इसलिए तुम्हे केवल स्वर्ग में सोना, चांदी ,जेवरात ही मिल रहे है |
कर्ण ने कहा महाराज पूर्वजो की पहचान से अनजान होने के कारण मैं यह कार्य नहीं कर सका इस पर इंद्रदेव ने 15 दिन का समय कर्ण को पृथ्वी लोक पर जा जाकर अपने पूर्वजो का उद्दार करने के लिए दिया |
उसी दिन से कर्ण को दिए गए 15 दिन पृथ्वी लोक पर श्राद के रूप में मनाये जाते हैं मान्यता है की इन दिनों पूर्वज देवलोक को छोड़ कर पृथ्वी में अपने परिवार के साथ घर में रहते हैं इसलिए इनदिनों रात्रि में दीपक जलाने की परम्परा हैं इस साल 2023 में श्रादो की दिन इस प्रकार हैं